सहारनपुर। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के चेयरमैन अताउर्रहमान वजदी ने कहा
कि 6 दिसम्बर 1992 को संविधान के रक्षकों की मौजूदगी और कानून के
रखवालों के संरक्षण में ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद घिनौने षडयंत्र के तहत
शहीद कर दी गयी थी, बाबरी मस्जिद की इसी दुखद घटना को याद करते हुए कमेटी
6 दिसम्बर को काला दिवस मनाती चली आ रही है।
वजदी आज यहां वुड्न मार्किट स्थित मस्जिद में पत्रकारों से वार्ता कर रहे
थे। उन्होंने कहा कि इसी दिन बाबरी मस्जिद के शहीदों को सवाब पहुंचाने के
लिए कुरआन ख्वानी की मजलिसें कायम करें, अपने क्षेत्र में घूमकर काला
दिवस मनाये, अपने कारोबार और संस्थाएं आदि नमाज-ए-जोहर तक बन्द रखे,
बाजुओं पर काली पटटी बांधे और मकानों पर काले झंडे लगायें।
उन्होने कहा कि बाबरी मस्जिद की प्राप्ति की कोशिश उद्देश्य की प्राप्ति
तक जारी रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि वह किसी सम्प्रदाय के विरूद्ध
मोर्चा बंदी नहीं कर रहे हैं, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता की प्राप्ति के
लिए आवाज उठा रहे हैं। देश की रक्षा और साम्प्रदायिक सदभाव का कोई अर्थ
नहीं रहता यदि किसी पार्टी या सम्प्रदाय को कानून से ऊपर होने की छूट दे
दी जाए, बाबरी मस्जिद का ध्वंस एक भयानक अपराध है, वह अपराधियों को सजा
देने की मांग करते हैं।
वार्ता में मौ.जमाल, असलम, मौ.तारीक, इरफान अंसारी, अजीम आदि मौजूद रहे।
6 दिसम्बर को काला दिवस मनायेगी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी: वजदी